Wednesday, March 13, 2013

औरत और धर्म



महिलाओं के सामाजिक स्थान में हमारे सभी धर्म और रीतियों  कितना योगदान रहा है? क्या किसि धर्म ने उन्हें पुरुषों के सामान दर्जा दिया है? सदियों से चले आ रहे महिलाओं के शोषण में धर्म और उसकी परम्पराओ का कितना योगदान है? सभी धर्मों के संथापक एवं करता-धर्ता केवल पुरुष ही क्यों है? ऐसे कई सवाल है जिनके जवाब अगर हम ढूढने की कोशिश करें तो शायद धर्म का असली मकसद और स्वरुप हमारे सामने आ जाये...किसी विशेष धर्म के ऊपर टिका करना मेरा उद्देश नहीं लेकिन ये सरे सवाल पूछना भी बेहद जरूरी है..

YouTube link: http://www.youtube.com/watch?v=M7exRV-ULP8

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